कौन हैं बेबी रानी मौर्य? इसलिए यूपी की राजनीति में बेहद अहम है इनका चेहरा
बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) उत्तर प्रदेश की आगरा ग्रामीण सीट से भारतीय जनता पार्टी की विधानसभा सदस्य हैं। इसके साथ ही वह उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल भी हैं। उन्होंने साल 1990 में भारतीय जनता पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। वह आगरा की महापौर भी रह चुकी हैं। इसके साथ ही वह राष्ट्रीय महिला आयोग भी सदस्य भी रह चुकी हैं। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर नियुक्त हैं। आइए आज जानते हैं बेबी रानी मौर्य का जीवन परिचय (Baby Rani Maurya Biography In Hindi)…

बेबी रानी मौर्य की जीवनी – Baby Rani Maurya Biography In Hindi
पूरा नाम | बेबी रानी मौर्य |
जन्मतिथि | 15 अगस्त 1956 (आयु- 66 वर्ष) |
जन्मस्थान | आगरा, उत्तर प्रदेश |
शैक्षिक योग्यता | कला में परास्नातक व बी.एड. |
पिता का नाम | राम सिंह |
मां का नाम | कुसुम देवी |
पति का नाम | प्रदीप कुमार मौर्य |
संतान | पुत्र- अभिनव मौर्य, पुत्री- अंजू मौर्य |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कुल संपत्ति | दो करोड़ से अधिक |
बेबी रानी मौर्य का प्रारंभिक जीवन
बेबी रानी मौर्य का जन्म 15 अगस्त 1956 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। बता दें कि वह एक गैर राजनीतिक परिवार से आती थीं। उनके ससुर एक IPS (आईपीएस) अधिकारी थे। वहीं उनके पति पंजाब नेशनल बैंक में उच्च पद पर रह चुके हैं। बेबी रानी मौर्य के शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने बीएड और Arts में परास्नातक भी किया है।
राजनीतिक जीवन
अपने ससुर की सहमति से राजनीति में प्रवेश करने वाली बेबी रानी मौर्य 1997 में “राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा” की कोषाध्यक्ष बनीं। बता दें कि उस समय पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद “राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा” के अध्यक्ष थे। इसके बाद आगरा की सीट से मेयर बनने के बाद, 2001 में वो “राज्य समाज कल्याण परिषद” की एक सदस्य और एक साल बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की भी सदस्य बनीं। वहीं, 2013 से 2015 तक उन्होंने बीजेपी के राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली।
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वह भारतीय जनता पार्टी की राजनेता हैं। वह उत्तराखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। बता दें कि वह साल 2018 से साल 2021 तक उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं। इससे पहले वह साल 1995 से 2000 तक आगरा की मेयर और 2002 से 2005 तक “राष्ट्रीय महिला आयोग” की सदस्य भी रह चुकी हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा देकर उन्होंने UP विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के तरफ से आगरा ग्रामीण सीट पर चुनाव लड़ा, और जीत हासिल की।
राजनीतिक सफर
- साल 1990 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में शामिल हुई ।
- साल 1995 में आगरा से मेयर के पद पर चुनाव लड़ा और एक बड़ी जीत हासिल की।
- साल 1997 में उन्हें बीजेपी के “अनुसूचित जाति” SC wing के एक पदाधिकारी के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
- साल 2001 में “उत्तर प्रदेश समाज कल्याण बोर्ड” की सदस्यता मिली ।
- साल 2002 में “राष्ट्रीय महिला आयोग” की सदस्यता साथ ही साल 2005 तक लगातार इस पद पर अपना कार्य किया।
- साल 2007 में “उत्तर प्रदेश के विधान सभा” चुनाव में प्रत्यासी रहीं एत्मादपुर सीट से चुनाव लड़ा।
- साल 2018 में “राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग” के पद पर नियुक्ति हुई।
- उत्तराखंड के 7वीं राज्यपाल बनी जो की उत्तराखंड की दूसरी महिला राज्यपाल थीं।
- 8 सितंबर 2021, राष्ट्रपति “राम नाथ कोविंद” को अपना उत्तराखंड “राज्यपाल” पद से त्याग पत्र दिया।
- हाल ही में 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आगरा के ग्रामीण सुरक्षित सीट से जीत हासिल कर वह विधायक MLA बनीं।
रोचक तथ्य
बेबी रानी के पिता राम सिंह के कांग्रेस पार्टी में अच्छे संबंध हैं और आगरा नगर निगम में पार्टी पार्षद के रूप में काम करते थे। राजनीतिक पृष्ठभूमि के बिना, उन्होंने 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।
उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक (PNB ) के प्रबंधक “प्रदीप मौर्य” से शादी किया जिसके बाद ही उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का भी फैसला लिया बता दें की उनके पती “प्रदीप मौर्य” के परिवार को भाजपा से काफी लगाव था जिससे बेबी रानी ने बीजेपी को ज्वाइन करने का फैसला लिया।
उन्हें उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में जाना जाता है। वह 1995 से 2000 तक आगरा की पहली महिला मेयर और उत्तराखंड की दूसरी महिला राज्यपाल थीं।
उनके पिता “राम सिंह” को Congress के प्रति काफी ज्यादा लगाव था और वो आगरा नगर निगम में Party पार्षद के रूप में भी काम करते थे। बता दें की बेबी रानी मौर्य ने बिना किसी भी राजनीतिक बैकग्राउंड के ही 1990 के दशक में एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप पार्टी में ज्वाइन होकर इस राजनीतिक यात्रा की शुरू किया था।
साल 2007 में, बसपा से उम्मीदवार रहे “नारायण सिंह सुमन” के खिलाफ आगरा में बीजेपी ने एत्मादपुर सीट से बेबी रानी मौर्य को अपना कैंडिडेट बनाया पर उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2013 से 2015 तक राज्य स्तरीय कर्तव्यों को पूरा करने का कार्य भी सौंपा।
वह काफी धार्मिक हैं और उनका परिवार भी धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है, रानी मौर्य को अक्सर भारत में धार्मिक स्थलों पर देखा जाता है।
COVID-19 महामारी की लहरों के दौरान, बेबी रानी मौर्य ने जरूरतमंद लोगों और परिवारों को भोजन और अन्य आवश्यकताएं भेजने के लिए कई धर्मार्थ कार्यक्रम आयोजित किए। उन्होंने अस्पतालों और पुलिस को कई मेडिकल किट और उपकरण भी दान किए।