ब्रह्म कमल (Bramha kamal) एक ऐसा फूल जो बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन इसके फायदे इतने चमत्कारिक हैं कि आप जानकर हैरान रह जायेंगे। दरअसल यह फूल बहुत कम मात्रा और बहुत कम क्षेत्रों में पाया जाता है। लेकिन यह फूल आपका भाग्य भी चमका सकता है और इसे आप बहुत सी गम्भीर बीमारियों के इलाज में भी उपयोग कर सकते हैं।
ब्रह्मकमल का फूल पहाड़ी प्रदेशों में पाया जाता है और यह पूरी तरह से देशी है, मतलब भारत में पाया जाने वाला पौधा है। ब्रह्म कमल का फूल मुख्य रूप से हिमांचल प्रदेश उत्तराखण्ड प्रदेश और कश्मीर के कुछ इलाकों में पाया जाता है। ब्रह्म कमल का फूल अपने आप में बहुत सी औषधियों का गुण रखता है। आइये जानते हैं ब्रह्म कमल का फूल कैसे चमकाएगा आपका भाग्य (Bramha kamal)…

ब्रह्म कमल फूल के अन्य नाम – Other Names of Bramha kamal in Hindi
उत्तराखण्ड | ब्रह्मकमल, कौल पद्म, कौल, फेनकौल, सूरजकौल |
हिमांचल प्रदेश | दूधफूल |
कश्मीर | गलगल |
Bramha kamal के फूल को अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। ब्रह्मकमल के फूल को उत्तराखंड में कौल पद्म नाम से जाना जाता है। ब्रह्मकमल फूल उत्तराखण्ड राज्य का राजकीय पुष्प भी है। हिमांचल प्रदेश में इसे दूधफूल के नाम से जाना जाता है। कश्मीर राज्य में इसे गलगल के नाम से जाना जाता है। बरगनडटोगेस के नाम इसे भारत के उत्तर- पश्चिमी राज्यों में यह जाना जाता है।
ब्रह्म कमल फूल को ‘हिमालयी फूलों के राजा’ के नाम से भी जाना जाता है। ब्रह्मकमल के फूल का वैज्ञानिक नाम ‘सोसेरिया ओबोवेलाटा’ Saussurea Obvallata है। ब्रह्मकमल फूल का पौधा अस्टेरेसी प्रजाति का पौधा होता है। इसे कौल, फेनकौल, सूरजकौल आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है।
कहाँ पाया जाता है Bramha kamal
ब्रह्मकमल के फूल का पौधा पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। मुख्यरूप से यह पौधा भारत के कुछ प्रमुख पहाड़ी क्षेत्रों जैसे- हिमांचल प्रदेश, उत्तराखण्ड प्रदेश और कश्मीर में पाया जाता है। यह पौधा ठंढ़े इलाकों में पाया जाता है। जिस कारण से इसके उगने का स्थान पहाड़ी क्षेत्र हैं, यह पौधा प्रमुख रूप से उत्तराखण्ड राज्य में पहाड़ों की ऊंचाई पर लगभग 3000-5000 मीटर के ऊँचे स्थानों पर पाया जाता है।
इनमें से मुख्य रूप से उत्तराखण्ड राज्य के रुपकुण्ड, हेमकुण्ड, पिण्डारी, फूलों की घाटी और केदारनाथ आदि क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके आलावा Bramha kamal का फूल सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी कुछ जगहों पर पाया जाता है।

Bramha kamal के फूल का धार्मिक महत्व
Bramha kamal के फूल को हिन्दू धर्म में सृष्टि के रचयिता भगवान श्रीब्रह्मा जी का स्वरुप माना जाता है। यह फूल सफ़ेद रंग का होता है। यह फूल मुख्य रूप से भगवान भोलेनाथ को प्रिय होता है। यह फूल भगवान शिव को चढ़ाने वाले भक्तों पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है।
Bramha kamal फूल की खेती उत्तराखण्ड राज्य में की जाती है तथा उत्तराखण्ड में ही केदारनाथ में भगवान शिव पर यह फूल चढ़ाया जाता है। जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। यह फूल माँ लक्ष्मी को भी चढ़ाया जाता है। जिससे धन-धान्य की देवी माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ब्रह्म कमल फूल माँ नन्दा देवी को भी चढ़ाया जाता है। पुराणों में कहा गया है कि भगवान विष्णू जब हिमालय भ्रमण पर आये थे, तो उन्होंने 1000 ब्रह्मकमल के फूल भगवान शिव को चढ़ाए थे।
Bramha kamal का फूल कैसे चमकाएगा आपका भाग्य
ब्रह्म कमल का फूल अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है। इसको देखने भर से इंसान का भाग्य खुल जाता है। ब्रह्म कमल के फूल को भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है कहा जाता है कि इसको चढ़ाने से तुरंत ही इच्छापूर्ति होती है। Bramha kamal का फूल लक्ष्मी जी पर चढ़ाया जाता है। यह उन्हें पसंद है।
इस कारण से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। जिससे धन-धान्य एवं भाग्य में वृद्धि होती है। कहते हैं ब्रह्म कमल के फूल को खिलते हुए देखना बहुत ही शुभ होता है। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। बहुत भाग्यशाली लोग ही उसे खिलते हुए देख पाते हैं। ब्रह्मकमल का फूल यदि कोई भी व्यक्ति खिलते हुए देखता है तो उसे कभी की धन की कमी नहीं होती है, उसका भाग्य चमक जाता है।
Also Read – रोजाना अपनी डाइट में शामिल करें मात्र 2 अखरोट, मिलेंगे ये जरबदस्त फायदे
ब्रह्मकमल फूल के फायदे – Bramha kamal Benefit’s in Hindi
ब्रह्मकमल का फूल भाग्य के लिए जितना उपयोगी है। यह फूल उतना ही उपयोगी है, औषधियों के रूप में। हिमालय पर और पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाले पौधे सदैव ही अपने आप में तमाम औषधीय गुणों को समेटे हुए होते हैं। पर्वती पौधे अपने औषधीय गुणों की वजह से ख़ास तौर पर जाने जाते हैं।
इसी तरह से ब्रह्म कमल भी एक पर्वतीय पौधा है और तमाम औषधीय गुणों का भंडार है। ब्रह्म कमल के फूल से लेकर उसकी जड़ों तक को औषधि के लिए उपयोग किया जाता है। जो कि अलग-अलग रोगों के इलाज में काम आता है।
ब्रह्मकमल का फूल कैंसर, खांसी, और हड्डियों के दर्द के इलाज के काम आता है। ब्रह्म कमल का फूल लीवर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होता है, यह लीवर के लिए बहुत अच्छी टानिक के रूप में काम करता है। लीवर में सूजन और अन्य परेशानियों में फूल का सूप बनाकर पीने से लाभ मिलता है।
बुखार होने पर ब्रह्म कमल के फूल को काढ़े के रूप में उपयोग करने से बुखार जल्द ही ठीक हो सकता है। ब्रह्मकमल में एंटी माइक्रोबियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी पाए जाने हैं। जो स्वास नली में होने वाली सूजन को कम करते हैं। जिससे सर्दी खांसी में आराम मिलता है।
ब्रह्म कमल के फूल के द्वारा घावों का इलाज बहुत ही कम समय में हो सकता है। कहते हैं कि अगर चोट लग जाये तो उस पर ब्रह्म कमल के फूल की पत्तियों को लगा दिया जाये तो खून बहना भी बंद हो जाता है और यह घाव को बंद कर देता है।

Bramha kamal के फूल का पौधा कैसे लगायें
- ब्रह्म कमल का पौधा खास तौर से तो पहाड़ी इलाकों में होता है लेकिन इसके ख़ास गुणों के कारण आज कल लोग इसे घर पर गमलों में भी उगाने लगे हैं, इसको उगाने का तरीका बहुत आसान है।
- ब्रह्मकमल का पौधा इसकी पत्ती से उगाया जाता है। क्योंकि इसका बीज मिलना आसान नहीं होता है।
- इस पौधे को उगाने के लिए सबसे पहले अच्छी मिट्टी तैयार करते हैं। जिसमें 50-50 प्रतिशत की दर से मिट्टी एवं गोबर की खाद ले लें।
- एक गमले में मिट्टी इकट्ठा कर लें और ब्रह्म कमल की एक पत्ती लेकर आधी पत्ती को मिट्टी में दबा दें और पानी दाल दें।
- ब्रह्मकमल के पौधे को ज्यादा धूप की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए इस ऐसे स्थान पर रखें जिससे उस पर सीधी रौशनी का पड़े।
- यह ठंढ़ी जगह पर जल्दी बढ़ता है। जिस कारण से इसे घर में ऐसे स्थान पर रखें जो ठंढा रहता हो।
- कुछ समय में इसमें जड़ें निकलने लगेंगी और यह पौधा बन जायेगा।
Bramha kamal पौधे की देख भाल
- ब्रह्म कमल का पौधा ठंढी जगहों पर होता है इस लिए इसको ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है।
- कीड़ें लग सकते हैं तो पौधे को चेक करते रहें और कीड़े दिखें को कीट नाशक का उपयोग करें।
- ब्रह्म कमल के पौधे को छाया वाले स्थान पर रखें। इसे ज्यादा धूप की आवश्यकता नही होती है।
- कम से कम मात्र में पानी डालें यह एक नमी वाला पौधा है। जिसे ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
Bramha kamal के बारे और जानकारियां
- ब्रह्मकमल का फूल साल में एक बार बहुत कम समय के लिए खिलता है।
- यह फूल रात्रि के समय खिलता है। इसे खिलने में करीब 2 घंटे का समय लगता है।
- ब्रह्म कमल के फूल को तोड़ने के शख्त नियम हैं। जिनका ध्यान रखकर ही इसे तोडा जाना चाहिए। यह नंदा अष्टमी को तोड़ा जाता है।
- ब्रह्म कमल का फूल साल में एक बार जुलाई से सितम्बर के महीने में खिलता है।
- ब्रह्म कमल के फूल का जीवन करीब 5 या 6 महीने तक का ही होता है।
FAQ’s
ब्रह्मकमल का फूल कहाँ पाया जाता है?
पहाड़ी क्षेत्रों में, उत्तराखण्ड, हिमांचल प्रदेश और कश्मीर में
ब्रह्मकमल के फूल के अन्य नाम क्या हैं?
ब्रह्मकमल, कौल पद्म, कौल, फेनकौल, सूरजकौल, दूधफूल और गलगल
ब्रह्मकमल के फूल का रंग क्या होता?
सफ़ेद
उत्तराखण्ड राज्य का राजकीय पुष्प क्या है?
ब्रह्मकमल