Dhanteras 2022 : धनतेरस पर होगी धन वर्षा ? जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और भगवान धन्वन्तरि का महत्व
Dhanteras 2022 : भारत वर्ष पर्वों का देश कहा जाता है। अलग-अलग राज्यों में विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में से आता है दीपावली का त्यौहार। दीपावली पाँच दिन का त्यौहार है, पहला दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक-चौदस, तीसरा दिन दीपावली, चौथा दिन जमघट और पाँचवा दिन भाई-दूज के रूप में मनाया जाता है। हर दिन अलग उत्सव होता है और उसे मनाने का अलग कारण भी होता है। आज हम लोग बात करेंगे धनतेरस या धनत्रयोदशी की।

धनतेरस 2022 कब है – When is Dhanteras 2022
धनतेरस (Dhanteras 2022) कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को पड़ेगी। हिन्दू कहानियों के अनुसार इस दिन समुद्र-मंथन से भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश को लेकर समुद्र से प्रकट हुए थे। भगवान धन्वन्तरि को नारायण भगवान का अंशावतार माना जाता है। भगवान धन्वन्तरि को स्वास्थ्य से भी जोड़ कर देखा जाता है। यह बात हुई हिन्दू धर्म की मान्यताओं की, अगर बात करें जैन धर्म की तो जैन आगम के अनुसार इस दिन को ‘धन्य तेरस’ या ‘ध्यान तेरस’ के रुप में मनाया जाता है।
जैन धर्म गुरुओं के अनुसार इस दिन भगवान महावीर योग निरोध करने चले गए। इस बार भगवान महावीर तीसरे और चौथे ध्यान के लिए गए थे। दो दिन के बाद यानी दीपावली के दिन भगवान महावीर निरोध करते हुए निर्वाण को प्राप्त हुए। इस लिए जैन समुदाय इस दिन को धन्य तेरस के रुप में मनाता है।
धनतेरस 2022 तारीख और समय, शुभ मुहूर्त
इस वर्ष धनतेरस (Dhanteras 2022) 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस बार धनतेरस रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन ख़रीदारी का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त 21 मिनट का है जो शाम 05:44 से शुरू होकर 06:05 तक रहेगा। प्रदोष काल 05:44 मिनट से 08:16 मिनट तक है। वहीं वृषभ काल 06:58 मिनट से 08:54 मिनट तक रहेगा।
दिनांक | 23 अक्टूबर 2022, रविवार |
शुभ मुहूर्त का समय | 23 अक्टूबर 2022, शाम 05:44 से शाम 06:05 तक |
शुभ मुहूर्त की कुल अवधी | 21 मिनट |
प्रदोष काल | 23 अक्टूबर 2022, शाम 05:44 से 08:16 मिनट तक |
वृषभ काल | 23 अक्टूबर 2022, शाम 06:58 मिनट से 08:16 मिनट तक |
कौन-कौन सी चीज़ों से जुड़ा है धनतेरस का त्यौहार
जैसा कि नाम से पता चल रहा है कि धनतेरस (Dhanteras 2022) के त्यौहार को धन से जोड़कर देखा जाता है। इस दिन लोग शुभ मुहूर्त देखकर मूल्यवान वस्तुएँ ख़रीदते हैं। इन वस्तुओं में लोग सबसे अधिक धातु ख़रीदते हैं, जैसे कि सोना, चाँदी, बर्तन आदि। हिन्दू मान्यता के अनुसार यह दिन शुभ होता है, इसी कारण लोग इस दिन नए काम का भी शुभारंभ करते हैं, जैसे कि नई दुकान खोलना या नए व्यापार का आरंभ करना।

लोग अपने नए घरों की रजिस्ट्री करने के लिए इस दिन का इंतज़ार करते हैं। नए वाहनों तथा बिजली से चलने वाले उपकरणों की बिक्री भी सबसे अधिक होती है। इस दिन धनिया और झाड़ू को ख़रीदना शुभ माना जाता है। लोगों की आस्था है कि इन दोनों चीजों को लाने से घर में सौभाग्य आता है।
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धनतेरस पर दुगना फल प्राप्त करने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
हिन्दू मान्यताएँ हैं कि दिवाली पर माँ लक्ष्मी का घरों में प्रवेश होता है। लक्ष्मी माँ धन की देवी हैं। माँ के आगमन से पूर्व कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। लक्ष्मी माँ को साफ़-सफाई पसंद है यही कारण है कि लोग दीपावली से पहले घरों और दुकानों की साफ़-सफाई करवाते हैं। साफ़-सफाई धनतेरस (Dhanteras 2022) के पूर्व ही पूरी कर लेनी चाहिए। धनतेरस में अगर कबाड़ और गंदगी रहती है तो पूरे वर्ष घर में दरिद्रता का वास होता है। अगर किसी कारण धनतेरस में पूरा घर साफ़ ना हो पाए तो कम से कम घर का प्रवेश द्वार तो स्वच्छ होना ही चाहिए क्योंकि प्रवेश द्वार से ही लक्ष्मी माता घरों में प्रवेश लेती हैं।
धनतेरस (Dhanteras 2022) के दिन कुबेर भगवान के साथ-साथ माँ लक्ष्मी और धन्वन्तरि की भी पूजा करनी चाहिए। इस दिन धन्वन्तरि जी की पूजा करने से घर में स्वास्थ्य संबंधित परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। पूजा के लिए मूर्ति सोना, चाँदी या मिट्टी की बनी ही होनी चाहिए। नक़ली मूर्ति की पूजा करना अशुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन शीशे के बर्तन लेना भी शुभ नहीं होता है।
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धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए
‘धन’ का अर्थ वस्तुओं से है, जैसे कि सोना, चाँदी, वाहन, संपत्ती आदि। इन सब में से कुछ ना कुछ आप धनतेरस (Dhanteras 2022) पर ज़रूर लें। माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय धन्वन्तरि कलश में अमृत लेकर प्रकट हुए। कलश को प्रतीक मानते हुए इस दिन बर्तन ख़रीदने की प्रथा बनी है। सभी धातुओं के बर्तन या कोई भी वस्तु ख़रीदी जा सकती है लेकिन चाँदी की वस्तुएँ लेने की अलग से मान्यताएँ हैं। चाँदी को चाँद से जोड़कर देखा जाता है। चाँद शीतलता प्रदान करता है।

चाँदी के बर्तन घर में लाने से घर और जीवन में शीतलता आती है जिससे मन को संतोष मिलता है। जिस के पास संतोष है वो स्वस्थ्य है और अपने जीवन में सुखी है। जिसके जीवन में संतोष है वो ही सबसे धनवान है। अच्छा स्वास्थ्य रखने के लिए भी मन में संतोष होना चाहिए। भगवान धन्वन्तरि को चिकित्सा का देवता भी कहा जाता है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि से अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें और साथ ही सबसे बड़ा धन ‘मन के संतोष’ को अपने घर लाना ना भूलें।
FAQ’s
धनतेरस कब है?
23 अक्टूबर 2022
धनतेरस का मुहूर्त क्या है?
23 अक्टूबर 2022, शाम 05:44 से शाम 06:05 तक
जैन आगम के अनुसार इस दिन को किस नाम से जाना जाता है?
‘धन्य तेरस’ या ‘ध्यान तेरस’