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असम की वादियों में पली बढ़ी हिमा दास (Hima das) एक भारतीय धावक (रेसर) हैं। वह IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में ट्रैक इवेंट में गोल्ड मैडल जीतने वाली पहली और एकमात्र भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत लंबा सफ़र तय किया है। इनके बारे में कहा जाता है कि वह फुटबॉलर बनना चाहती थीं लेकिन देखते ही देखते वह भारत की मशहूर स्प्रिंटर बन गईं। तो आईए आज जानते हैं हिमा दास का जीवन परिचय और उनकी उपलब्धियां (Hima das Biography in Hindi)

हिमा दास का जीवन परिचय | Hima das biography In Hindi
नाम | हिमा दास |
जन्म | 9 जनवरी 2000 |
जन्मस्थान | असम |
उम्र | 22 वर्ष |
उपनाम | ढिंग एक्सप्रेस, सोम जय, गोल्डन गर्ल |
शिक्षा | कॉटन यूनिवर्सिटी, असम |
खेल | ट्रैक और फील्ड |
पिता | रोंजीत दास |
माता | जोनालि |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
फिनलैंड में आयोजित हुई IAAF वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप 2018 में रेसर हिमा दास ने भारतीय स्पोर्ट्स में इतिहास रच दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट बन गईं। जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो IAAF वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में गोल्ड हासिल करने पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं।
पारिवारिक जीवन
असम की कांधूलीमारी गाँव में एक किसान के घर जन्मीं (9 जनवरी 2000) यह महिला (Hima das) 5 भाई बहनों में सबसे छोटी थीं। उनके पिता का नाम रणजीत दास तथा माता का नाम जोनाली दास है। उनके माता पिता चावल की खेती करते हैं। बचपन में इनको फुटबॉल खेलना काफी पसंद था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन स्कूल में उनकी शिक्षक की नज़र उनकी तेज गति पर पड़ी और तब से मानों हिमा की जीवन ही बदल गई। इसके बाद उन्होंने 2018 कॉमन वेल्थ गेम्स, ऑस्ट्रेलिया से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का डेब्यू की और कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
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हिमा दास की उपलब्धियां
- गोल्ड हासिल करने के बाद 25 सितंबर 2018 को, हिमा दास(Hima das) को भारत के राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- 27 फरवरी 2021 को, हिमा दास को असम लोक सेवा आयोग द्वारा असम पुलिस सेवा संवर्ग में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर एक सिविल सेवक के रूप में नियुक्त किया गया था।
- हिमा दास असम की दूसरी एथलीट हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में गोल्ड हासिल की।
- 14 नवंबर 2018 को, यूनिसेफ इंडिया ने हिमा को पहली ‘युवा राजदूत’ नियुक्त किया गया था।
- 1 नवंबर 2019 को, हिमा दास कौन बनेगा करोड़पति में दिखाई दीं।
- हिमा को असम सरकार द्वारा खेल के लिए असम ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया था।
- जुलाई 2019 में, बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क ने हिमा को सम्मानित करने के लिए एक बाघिन शावक को ‘हिमा’ नाम दिया था।
पांच गोल्ड किए अपने नाम
2019 में हिमा ने पहला गोल्ड मेडल 2 जुलाई को ‘पोज़नान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स’ में 200 मीटर रेस में जीता था। 7 जुलाई 2019 को पोलैंड में ‘कुटनो एथलेटिक्स मीट’ के दौरान दूसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। 13 जुलाई 2019 को हिमा ने चेक रिपब्लिक में हुई ‘क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स’ में तीसरा गोल्ड मेडल जीता था। फिर उन्होंने 17 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में आयोजित ‘ताबोर एथलेटिक्स मीट’ के दौरान चौथा गोल्ड मेडल हासिल किया। जिसके बाद आखिरी गोल्ड हिमा ने चेक गणराज्य में 20 जुलाई 2019 में 400 मीटर की स्पर्धा दौड़ में जीता। हिमा दास ने ये सभी स्वर्ण पदक 2 जुलाई 2019 से लेकर 20 जुलाई 2019 के बीच जीते थे।
आधा वेतन किया दान
वहीं, असम में आई भीषण बाढ़ के दौरान हिमा ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना आधा वेतन दान कर दिया। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर बड़ी कंपनियों और व्यक्तियों से भी आगे आकर मदद करने की अपील भी की।
शिक्षा
हिमा दास ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ढिंग पब्लिक हाई स्कूल और जवाहर नवोदय विद्यालय से पूरी की। अपने विद्यालय के दिनों में ही वह फुटबॉल खेलने में रुचि दिखाती थी। वह लड़को के साथ फुटबॉल खेलती थीं और इसी में अपना कैरियर बनाना चाहती थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं। जिसके बाद उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय के एक शिक्षक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया। फिर क्या हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं और दो स्वर्ण पदक भी जीतीं। अभी वह वर्तमान में कॉटन यूनिवर्सिटी, असम में बीए कर रही है।
एलीट क्लब में शामिल
हिमा दास गोल्ड मेडल जीतने के बाद भारतीय एथलीट्स के साथ एलीट क्लब में शामिल हो चुकी हैं। सीमा पुनिया, नवजीत कौर ढिल्लों और नीरज चोपड़ा की तरह वह एक ऐसी शख्सियत बनकर उभरी हैं, जिन्हें उनकी कामयाबी ने रातों रात लोकप्रियता की बुलंदियों पर पहुंचा दिया है।
हिमा दास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
100 मीटर- (11.74 सेकेंड में),
200 मीटर- (23.10 सेकेंड में),
400 मीटर- (50.79 सेकेंड में),
4X400 मीटर रिले- (3:33.61 में)।
20 दिन में 6 गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं।
FAQ’s
हिमा दास का जन्म कब और कहां हुआ था?
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को ढिंग नगांव में हुआ था।
हिमा दास कौन सा खेल खेलती हैं?
ट्रैक और फील्ड
हिमा दास कहां की रहने वाली हैं?
नागांव, असम
हिमा दास के पिता का क्या नाम है?
रोंजीत दास