Himanta Biswa Sarma : हेमंत बिस्वा सरमा वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नेता और असम राज्य के मुख्यमंत्री हैं। हेमंत बिस्वा सरमा असम के कद्दावर नेता हैं। उन्हें उनके नेतृत्व और कुशल वक्ता के रूप में जाना जाता है। हेमंत बिस्वा सरमा ने साल 2000 में कांग्रेस की ऊँगली पकड़ कर राजनीति में कदम रखा था। कांग्रेस पार्टी के कदम से कदम मिलाकर उन्होंने करीब 15 साल तक असम कांग्रेस के साथ अपना राजनैतिक सफ़र तय किया।

इसके बाद साल 2016 में भाजपा के राजनैतिक चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। हेमंत बिस्वा सरमा अब तक पांच बार विधायक रह चुके हैं। हेमंत बिस्वा सरमा ने असम सरकार में साल 2001 से लेकर अब तक विभिन्न मंत्री पदों को सम्भाला है। असम के विकास में हेमंत बिस्वा सरमा का बड़ा योगदान रहा है। आइये जानते हैं हेमंत बिस्वा सरमा का जीवन परिचय (Himanta Biswa Sarma Biography in Hindi)…
हेमंत बिस्वा सरमा की जीवनी – Himanta Biswa Sarma Biography in Hindi
नाम | हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) |
उपनाम | मामा |
जन्म | 01 फरवरी 1969 |
आयु | 53 साल |
जन्म स्थान | जोरहाट, असम |
पिता का नाम | कैलाश नाथ सरमा |
माता का नाम | मृणालिनी देवी |
भाई- बहन | भाई- सुशांत बिश्व सरमा बहन – ज्ञात नहीं |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह की तारीख | 7 जून 2001 |
पत्नी का नाम | रिंकी भुयान सरमा |
बच्चे | पुत्र – नंदिल बिस्व सरमा पुत्री – सुकन्या सरमा |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शैक्षिक योग्यता | एल.एल.बी., पीएचडी |
व्यवसाय | राजनेता |
राजनैतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (2000-2014) भारतीय जनता पार्टी (2015-वर्तमान) |
पद | मुख्यमंत्री असम |
गृह नगर | गुवाहाटी असम, भारत |
कुल सम्पत्ति | लगभग 1।7 करोड़ |
हेमंत बिस्वा सरमा कौन हैं?- Who is Himanta Biswa Sarma
हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) असम राज्य में कांग्रेस पार्टी से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत करने वाले असम राज्य के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं। वे वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से असम के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हेमंत बिस्व सरमा ने असम में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत किया है और भारतीय जनता पार्टी को असम में दो बार विधानसभा चुनावों में जीत भी दिलाई है।

हेमंत बिस्वा सरमा को उत्तर-पूर्व राज्यों के अमित शाह के रूप में जाना जाता है। साल 2016 में हेमंत बिस्वा सरमा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने थे। इसके पहले लगभग 15 साल तक वे कांग्रेस पार्टी में रहे। उन्हें राजनीति के क्षेत्र में उत्तर-पूर्व का चाणक्य भी कहा जाता है। हेमंत बिस्व सरमा ने असम में मंत्री रहते हुए शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था में बहुत से सुधार किये हैं।
हेमंत बिस्वा सरमा का जन्म, माता-पिता – Himanta Biswa Sarma Birth & Mother- Father
हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) का जन्म 01 फरवरी 1969 को असम के जोरहाट में हुआ था। हेमंत बिस्वा सरमा के पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा तथा माता का नाम मृणालिनी देवी है। हेमंत बिस्वा सरमा के परिवार में उनका एक भाई है जिनका नाम सुशांत बिस्वा सरमा है। हेमंत बिस्वा सरमा के पिता का निधन हो चुका है।
हेमंत बिस्वा सरमा की शैक्षिक योग्यता – Himanta Biswa Sarma Educational Qualification
हेमंत बिस्वा सरमा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा असम के कामरूप अकादमी स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद हेमंत बिस्वा सरमा ने 1990 में कॉटन कॉलेज गुवाहाटी से अपनी आगे की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कॉटन कॉलेज गुवाहाटी से ही स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। स्नातक करने के बाद उन्होंने सरकारी कॉलेज से एलएलबी की।
गुवाहाटी विश्विद्यालय से हेमंत बिस्वा सरमा ने पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। हेमंत बिस्वा सरमा को डॉ. हेमंत बिस्वा सरमा के नाम से ही जाना जाता है। हेमंत बिस्वा सरमा ने कॉटन कॉलेज गुवाहाटी में जनरल सेक्रेटरी के पद पर कार्य भी किया है।
हेमंत बिस्वा सरमा का वैवाहिक जीवन – Himanta Biswa Sarma Wife
हेमंत बिस्वा सरमा का विवाह 7 जून 2001 को हुआ था। इनकी पत्नी का नाम रिंकी भुयान सरमा है। रिंकी भुयान सरमा असम के जाने-माने बिजनेसमैन जादव चन्द्र भुयान की बेटी हैं।

हेमंत बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री बनने के समय एक इंटरव्यू के दौरान रिंकी भुयान सरमा ने मीडिया को बताया था कि जब उनकी मुलाकात हेमंत बिस्वा सरमा से हुई तब वे दोनों कॉटन कॉलेज में पढाई कर रहे थे। उस दौरान उनकी दोस्ती हुई और फिर उन दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का निर्णय लिया। इस पर उन्होंने पूछा की मैं अपनी माँ को क्या बोलूं आपके बारे में जिस पर हेमंत बिस्वा सरमा ने जवाब दिया कि ‘अपनी माँ को बोलना कि मैं एक दिन असम का मुख्यमंत्री बनूंगा’। हेमंत बिस्वा सरमा और रिंकी भुयान सरमा के दो बच्चे नंदिल बिस्वा सरमा और एक पुत्री सुकन्या सरमा हैं।
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हेमंत बिस्वा सरमा का राजनैतिक जीवन – Himanta Biswa Sarma Pilitical Life
हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने अपने राजनैतिक करियर की शरुआत अपने कॉलेज के दिनों से ही छात्र राजनीति के जरिये की थी। लेकिन वे पूर्ण रूप से राजनीति में तब आये जब उन्होंने साल 2000 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद हेमंत बिस्वा सरमा ने अपना पहला चुनाव साल 2001 में जलुकबारी सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा। इस चुनाव में हेमन्त बिस्वा सरमा ने जीत दर्ज की। हेमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने के बाद कांग्रेस पार्टी का प्रचार-प्रसार किया और उनका कुशल नेतृत्व ही था कि असम में कांग्रेस जड़ से मजबूत खड़ी थी।
हेमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी के टिकट से एक बार फिर साल 2006 में चुनाव लड़ा और इस बार भी उनकी सीट जलुकबारी ही थी। उन्होंने इस बार भी जलुकबारी सीट पर जीत का परचम लहराया। उनके कार्यों और नेतृत्व की कुशलता को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें 2011 में भी जलुकबारी सीट से विधानसभा का प्रत्याशी बनाया और यह लगातार तीसरी बार था जब हेमंत बिस्वा सरमा जलुकबारी सीट से विधायक बने।

अपने 15 साल के विधायक के कार्यकाल में हेमन्त बिश्व सरमा ने असम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तथा शिक्षा मंत्री जैसे पदों पर रहते हुए शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में तमाम महत्वपूर्ण सुधार किये। उन्होंने इस दौरान असम में कई मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी करवाया।
साल 2011 से लेकर 2016 के बीच असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई से आपसी विवाद के कारण उन्होंने साल 2015 में कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपने विधायक के पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया और इसका कारण उन्होंने यह दिया कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें तवज्जो नहीं दी और नज़रअंदाज किया।

इसके बाद हेमंत बिस्वा सरमा साल 2016 में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे और वहीं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व, प्रयासों और उनके चाणक्यवादी दिमाग की वजह से असम में भाजपा को मजबूती मिली। हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में भाजपा ने असम में साल 2016 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और पहली बार था कि जब भाजपा असम में विजयी हुई। इस सब की वजह हेमंत बिस्वा सरमा और उनका कुशल नेतृत्व ही था।
साल 2016 में असम में भाजपा ने सर्बानंद सोनेवाल को मुख्यमंत्री बनाया और हेमंत बिस्वा सरमा को राज्य मंत्री बनाया गया। हेमंत बिस्वा सरमा ने असम में वित्त, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, शिक्षा, योजना और विकास, पर्यटन, पेंशन और लोक शिकायत जैसे विभागों को सम्भाला। उनके कार्यकाल के दौरान असम में बड़े बदलाव आए।
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हेमंत बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री के रूप में – Himanta Biswa Sarma Chief Minister or Assam
हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने के बाद असम में भाजपा की सरकार बनी। इसका कारण हेमंत बिस्वा सरमा ही हैं यह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को पता था। यही कारण था कि साल 2021 के असम चुनाव का नेतृत्व और चेहरा दोनों ही हेमंत बिश्वा सरमा को बनाया गया। 2021 के असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की।

भाजपा को पहली बार असम में 60 सीटें मिलीं। एनडीए की 75 सीटों के बहुमत के साथ भाजपा ने असम में सरकार बनाई। साल 2021 विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद भाजपा ने हेमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया।
हेमंत बिस्वा सरमा ने 10 मई 2021 को असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश के युवाओं को पूरा भरोषा था कि हेमंत बिस्वा सरमा असम को नई ऊँचाइयों पर ले जायेंगे।
हेमंत बिस्वा सरमा की कुल सम्पत्ति – Himanta Biswa Sarma Net Worth
हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) की कुल सम्पत्ति लगभग 1 करोड़ 70 लाख रुपए है। असम के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें प्रतिमाह 1 लाख 25 हजार रूपये तनख्वाह भी मिलती है।
हेमंत बिस्वा सरमा के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Himanta Biswa Sarma Interesting Facts
- हेमंत बिस्वा सरमा की तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अपने सख्त शासन की वजह से जाने जाने वाले योगी आदित्यनाथ से की जाती है।
- हेमंत बिस्वा सरमा ने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए असम में तीन मेडिकल कालेज जोरहाट, बारपेट और तेजपुर में बनाए।
- हेमंत बिस्वा सरमा एक कुशल राजनैतिक वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। उनकी रैलियों के दौरान उन्हें सुनने के लिए लाखों की संख्या में लोग एकत्र होते हैं।
- हेमंत बिस्वा सरमा साल 2016 से असम क्रिकेट के प्रेसिडेंट हैं। वह खेलों में काफी रूचि रखते हैं और खेलों को बढ़ावा देने का कार्य भी उन्होंने किया है।
- हेमंत बिस्वा सरमा असम प्रदेश में हॉकी और फुटबॉल के प्रेसिडेंट भी हैं।
- हेमंत बिस्वा सरमा बचपन से ही समाज सेवा में रूचि रखते आये हैं। हेमंत बिस्वा सरमा ने असम में दिव्यांगों के उत्थान के लिए अनेक कार्य किये हैं।
- हेमंत बिस्वा सरमा ने ही असम में शिक्षकों की भर्ती में साक्षात्कार बंद कराकर प्रदेश में टीईटी के माध्यम से 50,000 शिक्षकों की भर्ती करवाई थी।
- हेमंत बिस्वा सरमा एक अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने तीन किताबें भी लिखी हैं। उन्होंने अमित शाह की बायोग्राफी का असमी में अनुवाद किया है।
- हेमंत बिस्वा सरमा की राजनैतिक पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2016 में हेमंत बिस्वा सरमा ने जब भाजपा की सदस्यता ली उसके बाद असम में कांग्रेस का शासन ही समाप्त हो गया।
हेमंत बिस्वा सरमा के विवाद – Himanta Biswa Sarma Controversy
- हेमंत बिस्वा सरमा अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड में एक रैली के दौरान राहुल गाँधी को आधुनिक जिन्ना कह दिया था जिसके कारण विपक्ष ने उनका बहुत विरोध भी किया था और उनके इस्तीफे की भी मांग कर ली थी।
- हेमंत बिस्वा सरमा ने कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों को कर्मों का फल कहा था। उनके इस बयान के बाद भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था और उन्होंने इसके लिए माफ़ी भी मांगी थी।
- हेमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिम समुदाय को लेकर एक विवादित बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा था कि वे 3 विवाह ना करें।
- हेमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी की रैली के दौरान मुस्लिम वोटों को लेकर भी एक विवादित बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा था कि भाजपा को मुस्लिमों का वोट नहीं चाहिए।
FAQ’s
हेमंत बिस्वा सरमा का जन्म कब हुआ था?
01 फरवरी 1969
हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी का नाम क्या है?
रिंकी भुयान सरमा
हेमंत बिस्वा सरमा कितनी बार विधायक रह चुके हैं?
अब तक 5 बार
हेमंत बिस्वा सरमा किस राज्य के मुख्यमंत्री हैं?
असम
हेमंत बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री कब बने ?
10 मई 2021 को
हेमंत बिस्वा सरमा ने भाजपा की सदस्यता कब ली थी?
साल 2016 में