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Janmashtami 2022 Date :  कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

Janmashtami 2022 Date: साल 2022 में त्योहरों का सिलसिला शुरु हो गया है। भाई-बहन का प्रिय त्योहार रक्षाबंधन इस साल 11 अगस्त को पड़ रहा है। जिसके तुरंत बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022 Date) को लेकर तैयारियां जोरो पर रहेगी। हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का विशेष महत्व होता है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस बार ये त्योहार 18 अगस्त यानि गुरुवार को पड़ रहा है।

Janmashtami 2022 Date

हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग भी बन रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा विधिवत तरीके से जाती है।

जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार (Janmashtami 2022 Date) सदियों से मनाने की परंपरा चली आ रही है। पौराणिक कथा के अनुसार, मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से मथुरावासी त्रस्त हो गए थे। मान्यता है कि कंस को लेकर एक भविष्यवाणी हुई जिसमें कंस की बहन देवकी के आठवें पुत्र के हाथों वध की बात कही गई।

इस भय से उसने अपनी बहन देवकी और बहनोई वसुदेव को काल कोठरी में कैद कर दिया और उसके हर संतान को मौत के घाट उतार दिया। कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए बहन देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया। जिसके बाद कंस का वध कर मथुरावासियों को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। इसिलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 का शुभ मुहूर्त- Janmashtami 2022 Date

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 09 बजकर 21 मिनट से शुरु हो जाएगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। माना जाता है कि जन्माष्टमी व्रत के दिन जो व्यक्ति कथा पाठ करता है या सुनता है उसके समस्‍त पापों का नाश होता है।

पूजा-विधि

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और घर के मंदिर में साफ-सफाई करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें। इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाकर झूला झूलाएं। साथ ही अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। हालांकि इस बात का जरुर रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 का महत्व

जन्माष्टमी के दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था। इस दिन विधि- विधान भगवान श्री कृष्ण की पूजा- अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा- अर्चना करने से निसंतान दंपतियों को भी संतान की प्राप्ति हो जाती है।

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