जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) ने शनिवार को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस यूयू ललित ने जस्टिस एनवी रमना की जगह ली है। जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए हैं। बता दें कि जस्टिस यूयू ललित का यह कार्यकाल काफी छोटा रहने वाला है। वह आठ नवंबर 2022 को रिटायर हो जाएंगे। आइए आज जानते हैं जस्टिस यूयू ललित (उदय उमेश ललित) का जीवन परिचय (Justice UU Lalit Biography in Hindi)…

Justice UU Lalit Biography in Hindi – जस्टिस यूयू ललित (उदय उमेश ललित) की जीवनी
पूरा नाम | जस्टिस उदय उमेश ललित |
निकनेम | जस्टिस यूयू ललित |
जन्मतिथि | 9 नवंबर 1957 |
जन्मस्थान | सोलापुर, महाराष्ट्र |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक |
प्रसिद्धि | भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश |
पिता का नाम | यूआर ललित (रिटायर्ड जस्टिस) |
माता का नाम | जानकारी उपलब्ध नहीं |
पत्नी का नाम | अमृता उदय ललित |
संतान | श्रीयश ललित, हर्षद ललित |
धर्म | हिंदू |
नागरिकता | भारतीय |
जन्म व माता-पिता
जस्टिस उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। उनके पिता का नाम यू आर ललित है, वह भी जज रह चुके हैं। उनकी मां का नाम ज्ञात नहीं हो पाया है।
शिक्षा – Justice UU Lalit Education
जस्टिस यूयू ललित ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सोलापुर के हरिभाई देवकारन हाईस्कूल एंड जनियर कॉलेज से हासिल की। इसके बाद उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल की।
वैवाहिक जीवन – Justice UU Lalit Married Life
जस्टिस यूयू ललित का विवाह अमृता उदय ललित से साल 1986 में हुआ था। इन दोनों की दो संतान हैं। इनके बड़े बेटे का नाम श्रीयश ललित है, जो वकालत करते हैं। वहीं उनके दूसरे बेटे का नाम हर्षद ललित है।
वकालत के तौर पर करियर
उदय उमेश ललित साल 1983 में एक वकील के रूप में नामांकित हुए थे। साल 1985 से उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। लगभग एक साल बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद वह दिल्ली चले आए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी।
साल 2004 में जस्टिस उदय उमेश ललित को सुप्रीम कोर्ट में एक सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। इसके बाद वह दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट के कानूनी सेवा समिति के सदस्य चुने गए। जस्टिस यूयू ललित को क्रिमिनल लॉ का विशेषज्ञ माना जाता है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में जस्टिस यूयू ललित को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई का विशेष अभियोजक नियुक्त किया था।
जज के रूप में करियर
जस्टिस उदय उमेश ललित 13 अगस्त 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए। इसके बाद उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए, जिसमें तीन तलाक की प्रथा को अवैध करार देने का भी एक फैसला शामिल है। अदालतों में सीसीटीवी कैमरों पर कार्यवाही रिकॉर्ड करने का फैसला भी जस्टिस यूयू ललित और आदर्श के गोयल की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ही सुनाया था।
इसके साथ ही अपने कार्यकाल के दौरान वह कई बार कई हाईप्रोफाइल मामलों से दूरी बनाते भी नजर आए। इसमें साल 2014 में याकूब मेनन की याचिका की सुनवाई, साल 2015 में मालेगांव विस्फोट की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई और साल 2016 में विवादास्पद धर्मगुरू आसाराम बापू से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई वाले मामले शामिल हैं।
देश के 49वें चीफ जस्टिस
देश के 49वें चीफ जस्टिस (49th Chief Justice of India) के रूप में 27 अगस्त 2022 को जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने जस्टिस एनवी रमना की जगह ली। जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए हैं। बता दें कि जस्टिस यूयू ललित का यह कार्यकाल काफी संक्षिप्त रहने वाला है। वह 8 नवंबर 2022 को रिटायर हो जाएंगे।