Rahul Gandhi Biography in Hindi | राहुल गांधी का जीवन परिचय

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं। राहुल गांधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पुत्र हैं, राहुल गांधी को राजनीति विरासत में मिली है। क्योंकि राहुल गांधी के पिता के साथ-साथ इनकी दादी इंदिरा गांधी और नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू भी भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण कर चुके हैं। साल 2009 में हुए आम चुनाव जहाँ कांग्रेस पार्टी को बड़ी जीत मिली थी, उसका श्रेय राहुल गांधी को दिया जाता है। राहुल गांधी जमीनी स्तर पर काम करने के लिए जाने जाते हैं, इनकी योजनाएँ ग्रामीण लोगों से जुड़कर उनसे गहरे संबंध बनाने की होती हैं। कांग्रेस पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को बल देने का प्रयास भी राहुल गांधी करते है। आइये जानते हैं राहुल गांधी का जीवन परिचय (Rahul Gandhi Biography in Hindi)…

RAHUL GANDHI

राहुल गांधी का जीवन परिचय – Rahul Gandhi Biography in Hindi

नामराहुल गांधी
जन्मतिथि19 जून 1970
जन्मस्थाननई दिल्ली
उम्र52 वर्ष
पिता का नामराजीव गांधी
माता का नामसोनिया गांधी
बहनप्रियंका गांधी वाड्रा
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
शैक्षिक योग्यता स्नातक, एम फ़िल
धर्महिन्दू
पेशाराजनीति 
राजनीतिक दलभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कुल संपत्तिलगभग 15.88 करोड़ से अधिक (2019 का आँकड़ा)

जन्म, माता-पिता- Rahul Gandhi Birth and Mother Father in Hindi

19 जून 1970 को नई दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का जन्म हुआ था। इनकी माता का नाम सोनिया गांधी तथा पिता का नाम राजीव गांधी है। इनकी माता सोनिया गांधी का जन्म इटली में हुआ था। लेकिन राजीव गांधी से शादी करने के बाद सोनिया गांधी ने भारत की नागरिकता ले ली। राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी एयर इंडिया के पायलट थे।

राजीव गांधी का राजनीति में आने का मन नहीं था, लेकिन इनके भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद अपनी माँ इंदिरा गांधी के आदेश पर राजीव गांधी राजनीति के मैदान में उतर गए। राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी ने सँभाल ली, सोनिया गांधी कभी भारत की प्रधानमंत्री नहीं बनी। लेकिन कांग्रेस का महत्वपूर्ण भाग रहीं। अपनी माँ के साथ ही राहुल गांधी भी कांग्रेस पार्टी का बड़ा नाम बन कर उभरे।

राहुल गांधी की शिक्षा- Rahul Gandhi Education in Hindi

राहुल गांधी ने दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की। यहाँ से राहुल गांधी दून स्कूल देहरादून चले गए। दून स्कूल से ही राजीव गांधी ने भी अपनी पढ़ाई पूरी की थी। राहुल गांधी ने स्नातक की पढ़ाई हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से पूरी की। इन्होंने एम फ़िल की पढ़ाई कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से साल 1995 में की।

अपनी शिक्षा प्राप्त करते वक़्त राहुल गांधी (Rahul Gandhi Biography in Hindi) दुनिया से अपनी पहचान छुपा कर रखते थे, वह अपना नाम ‘राउल विंसी’ बताते थे। क्योंकि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी राहुल गांधी और इनकी छोटी बहन प्रियंका गांधी की सुरक्षा के लिए चिंतित रहती थीं। सुरक्षा की दृष्टि से सोनिया गांधी ने अपने बच्चों की पहचान लोगों से छुपा कर रखी थी।

स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद राहुल गांधी ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप में 3 साल काम किया, यहाँ पर भी राहुल गांधी ने अपनी पहचान छुपाई थी। इस बात पर कांग्रेस के विरोधी दल राहुल गांधी की आलोचना करते हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसे राहुल गांधी की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम बताया।

राहुल गांधी का करियर- Rahul Gandhi Biography in Hindi

राजीव गांधी की हत्या के बाद राहुल गांधी राजनीति से दूर हो गए थे। अपने कॉलेज में अपनी पहचान तक छुपाई थी। उनके राजनीति में आने की केवल अटकलें ही लगाई जा रही थी। यह अटकलें तब बढ़ गईं जब साल 2003 में राहुल गांधी स्टेज पर अपनी माँ सोनिया गांधी के साथ दिखने लगे। लेकिन राहुल गांधी का कहना था कि अभी वो फ़ैसला नहीं कर पा रहे हैं कि वो राजनीति में आएँ या नहीं।

समय के साथ-साथ राहुल गांधी सार्वजनिक समारोहों और कांग्रेस की बैठकों में शामिल होने लगे। एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला देखने राहुल गांधी अपनी बहन के साथ पाकिस्तान भी गए, यह इनकी सद्भावना यात्रा थी। जनवरी 2004 में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेठी का दौरा किया। अमेठी की तत्कालीन सांसद सोनिया गांधी थीं। यह क्षेत्र राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है।

अमेठी दौरे में भी राहुल गांधी ने राजनीति में आने के कोई संकेत नहीं दिया। वहाँ पर राहुल गांधी ने बताया कि वो राजनीति के विरोधी नहीं हैं। लेकिन वो तय नहीं कर पाएँ हैं कि वह राजनीति में कब प्रवेश करेंगे ! करेंगे भी या नहीं।

राहुल गांधी का राजनीति में प्रवेश- Rahul Gandhi in Politics Career in Hindi

राहुल गांधी ने मार्च 2004 में अमेठी से चुनाव लड़ने का फ़ैसला कर के अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की। अमेठी से लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए, लोकसभा को संसद का निचला सदन माना जाता है। इस चुनाव क्षेत्र से राहुल गांधी भारी मतों से जीते।

साल 2006 तक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस पार्टी का कोई भी पद ग्रहण नहीं किया था। साल 2007 में जब कांग्रेस पार्टी में फेरबदल चल रहा था। उस समय राहुल गांधी को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का महासचिव चुना गया। इन्होंने भारत के राष्ट्रीय छात्र संघ और भारतीय युवा कांग्रेस की भी कमान सँभाली। इनके नेतृत्व में दोनों संघों की बढ़ोत्तरी हुई।

साल 2009 में वह एक बार फिर लोकसभा चुनाव में अमेठी से ही खड़े हुए। साल 2009 में भी राहुल गांधी अपने चुनावी क्षेत्र से भारी मतों के साथ विजयी हुए।

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राहुल गांधी बने कांग्रेस के उपाध्यक्ष- Rahul Gandhi as Vice President of Congress Party

कई सारे घोटालों में फँसी कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे भारतीय राजनीति में अपनी पकड़ खोती जा रहीं थी। इस की एक वजह साल 2011 में हुए अन्ना हजारे का जन लोकपाल बिल के लिए आंदोलन और दूसरा कारण गुजरात में लगातार तीसरी बार बनें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे।

सोनिया गांधी पहले ही कांग्रेस की अध्यक्ष पद सँभाल रहीं थी, लेकिन अध्यक्ष पद के साथ उपाध्यक्ष के पद के लिए राहुल गांधी का नाम सामने लाया गया। जनवरी 2013 में राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष के रूप में चुन लिए गए। उपाध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी ने खूब ज़ोर लगाया, राहुल गांधी साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी अमेठी की सीट बचाने में कामयाब हो गए। लेकिन साल 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और दस साल से चल रहीं सता को भी बचा नहीं पाई।

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई और नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। साल 2017 में राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।

राहुल गांधी ने गवाई अमेठी की सीट – Rahul Gandhi lost Amethi constituency

साल 2019 के आम चुनाव में भी नरेंद्र मोदी की लहर चली और एक बार फिर से भाजपा विजय रही। सबसे बड़ा झटका राहुल गांधी को तब लगा, जब वह ख़ुद अपने चुनावी गढ़ कहे जाने वाली अमेठी की सीट से भी हार गए। राहुल गांधी अमेठी से तीन बार सांसद रह चुके हैं।

इनसे पहले राहुल गांधी की माँ सोनिया गांधी सांसद थीं। यहाँ तक की इस सीट से राजीव गांधी और राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी भी जीता करते थे। इस बार अमेठी की सीट जीतकर बीजेपी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी यहाँ की सांसद बनी। साल 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी केरल राज्य के वायनाड से चुनाव जीतकर वहाँ के सांसद बने। लेकिन इस हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

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राहुल गांधी के विवाद – Rahul Gandhi Controversy in Hindi

साल 2010, में राहुल गांधी के एक बयान पर विवाद हो गया जब इन्होंने हिन्दू चरमपंथी को मुसलिम आतंकवाद से अधिक घातक बता दिया। राहुल गांधी का विरोध साल 2013 में फिर से हुआ जब इन्होंने ग़रीबी को मन की स्थिति (State of Mind) बताया।

पूर्व सांसद वेंकैया नायुडू ने भरी संसद में राहुल गांधी को निक नेम दिया, इस नाम से राहुल गांधी सोशल मीडिया (social media) पर खूब ट्रोल हुए। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस नाम को सार्वजनिक रूप से बोलने या सोशल मीडिया पर ट्रोल करने पर रोक लगा दी। साल 2019 के आम चुनाव में इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है” इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गांधी को फटकार लगाई थी।

राहुल गांधी को सोशल मीडिया पर उनके बयानों के कारण कई बार ट्रोल किया गया, लेकिन यह बयान उन्हीं के भाषणों से निकाला जाता रहा है, जिसको सोशल मीडिया पर कोई दूसरा रूप देकर पेश किया जाता है।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा – Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra in Hindi

राहुल गांधी ने 6 सितंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा का आरंभ किया। इस पद यात्रा में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल है। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की जाएगी।

इस यात्रा में भाग लेने वाले को ‘भारत यात्री’ कहा गया है। कांग्रेस इस यात्रा को जनसंपर्क अभियान कह रही है। राजनैतिक पंडितों का माना है कि यह यात्रा कांग्रेस के लिए संजीवनी है और इस से पार्टी के संगठन को मज़बूती मिले गई।

FAQ’s

राहुल गांधी का जन्म कब हुआ?

19 जून 1970

राहुल गांधी सबसे पहले संसाद कौन से साल में बने?

मार्च 2004

राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव में किस सीट से चुनाव जीता था ?

वायनाड (केरल)

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