Uniform Civil Code : हमारा देश भारत एक ऐसा देश है जिसमे विभिन्न धर्म जाति और समुदाय के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है, सभी धर्मों की आस्थाओं का आदर किया जाता है और सभी धर्मों के लोगों को अलग – अलग अधिकार प्राप्त हैं। विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए संविधान में भी अलग नियम भी हैं। जिससे भारत की न्याय प्रणाली भी प्रभावित होती है। इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए ही संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग 4 में यूनीफोर्म सिविल कोड के बारे में बताया गया है।

यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड के माध्यम से देश के सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के लिए कुछ क्षेत्रों के नियम समान होंगे। भारत सरकार अब पूरे देश में यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का नियम लागू करना चाहती है। आइये जानते हैं यूनिफार्म सिविल कोड क्या है? जानिए क्यों जरूरी है समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code)…
समान नागरिक संहिता (यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड) – Uniform Civil Code
नियम का नाम | समान नागरिक संहिता |
UCC कब बना | साल 1882 में पहली बार |
UCC Full Form | Uniform Civil Code समान नागरिक संहिता |
UCC के उद्देश्य | सभी धर्म संप्रदाय के लोगों के लिए एक समान कानून |
UCC के लाभ | व्यक्तिगत स्तर, विवाह, तलाक और गोद लेना, सम्पत्ति के अधिग्रहण और संचालन का अधिकार |
UCC के लाभार्थी | सभी जाति धर्मों के लोग |
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड क्या है? – What is Uniform Civil Code?
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता एक ऐसा नियम है जो पूरे देश के सभी लोगों को समान अधिकार देगा। इस नियम का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश में सभी धर्म, जाति और सम्प्रदायों के लोगों के लिए एक जैसे नियम हों।
मुख्य रूप से यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता मुख्य रूप से व्यक्तिगत स्तर, विवाह तलाक और गोद लेना, सम्पत्ति के अधिग्रहण और संचालन के समान अधिकार जैसे विषयों पर सभी धर्मों को एक समान अधिकार देने के लिए है।
यह कानून भारत में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों के लिए एक समान होगा। इससे न्याय प्रक्रिया में सुधार आएगा और बोझ भी कम होगा।
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से किसको लाभ प्राप्त होगा – Who will Benefit from the Uniform Civil Code?
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से देश के सभी वर्गों के लोगों को लाभ प्राप्त होगा। लेकिन इसका सबसे ज्यादा लाभ महिलाओं को प्राप्त होगा। हिन्दू और मुस्लिमों के लिए बहुत से अलग – अलग पर्सनल लॉ हैं जिनमे महिलाओं के लिए नियम निर्धारिता हैं जो कि सीमित हैं। लेकिन समान नागरिक संहिता के आने से महिला हो या पुरुष सभी को समान अधिकार प्राप्त होंगे।

यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से महिलाओं को अपने पिता की संपत्ति में अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार दिया जायेगा जो कि अब तक नहीं है। यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से व्यक्तिगत स्तर, विवाह, तलाक और गोद लेना, सम्पत्ति के अधिग्रहण और संचालन का अधिकार जैसे विषय पर सबके लिए समान नियम होंगे जिससे भारत की न्याय संहिता को भी लाभ होगा।
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य – Purpose of Uniform Civil Code
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों को समान अधिकार प्राप्त कराना है। समान नागरिक संहिता से देश में कमजोर वर्ग के लोगों को सुरक्षा एवं अधिकार उपलब्ध कराना है।
इसके माध्यम से पूरे देश को एक सूत्र में लाने का एक प्रयास है। इससे सभी धर्मों के पर्सनल लॉ समाप्त हो जायेंगे। हिन्दू कोड बिल और मुस्लिम पर्सनल लॉ और शरियत जैसे कानून समाप्त होंगे। Also Read – कौन हैं जस्टिस यूयू ललित? देश के 49वें चीफ जस्टिस की ली शपथ
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड की भारत में आवश्यकता – Uniform Civil Code Requirement in India
भारत देश में अलग – अलग तमाम समुदायों के लोग रहते हैं। जिसके लिए अब तक अलग- अलग तरह के तमाम लॉ हैं जिनके माध्यम से लोगों को उनके अधिकार मिलते हैं।
जैसे हिन्दुओं के पास हिन्दू सिविल लॉ है जिसमे हिन्दू धम्र के लोग बौद्ध धर्म के लोग, सिख और जैन धर्म के लोगों को अधिकार प्राप्त मिलते हैं।
वहीं मुस्लिमों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड था जिसके माध्यम से मुस्लिम, पारसी आदि समुदायों के लोगों को नियम अधिकार प्राप्त हैं।
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड कहाँ लागू होगा और कहाँ लागू हो चुका है
भारत के गोवा राज्य में साल 1961 में ही यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लागू हो गया था। इसके अलावा साल 2022 में उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार इसे लागू करने पर काम कर रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी यह कानून लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

अगर हम बात करें की भारत से बाहर यह कानून किन देशों में लागू हैं तो मुख्य रूप से पड़ोसी देश पाकिस्तान, अमेरिका, आयरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्की, इंडोनेशिया, सूडान, इजिप्ट आदि देशों ने इस कानून को लागू किया है। यह सभी धर्म निरपेक्ष देश कहे जानते हैं लेकिन तब भी यहाँ यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड लागू है। Also Read – Online Voter ID Card Apply Process in Hindi : घर बैठे ऐसे करें आवेदन
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से क्या बदलाव आएगा – What will Change with the Uniform Civil Code?
- यूनिफार्म सिविल कोड के आने से सबके लिए नियमों में बदलाव होगा। मुस्लिम समुदाय के लोग 3-4 शादियाँ नहीं कर सकेंगे। मुस्लिमों के लिए भी तलाक के नियम समान होंगे 3 बार तलाक कहने से तलाक नहीं माना जायेगा।
- सरियत के नियमों के हिसाब से जमीन जायदाद का बंटवारा नहीं होगा।
- यूनिफार्म सिविल कोड आने के बाद शादी, तलाक, दहेज़ उत्तराधिकार आदि मामलों में हिन्दू, मुस्लिम और इसाई सभी धर्मों के लोगों के लिए एक समान नियम होंगे।
- न्याय पालिका जल्द से जल्द धर्म से जुड़े मुकदमों पर अपना फैसला दे पायेगा।
- यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से महिलाओं को लाभ होगा खास कर के मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को लाभ मिलेगा तीन तलाक और बहुविवाह जैसी प्रथा समाप्त हो जाएगी। Also Read – कैसे करें ऑनलाइन पैन कार्ड के लिए आवेदन, यहां जानिए पूरा तरीका
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड के विरोध के कारण – Resistance of Uniform Civil Code
देश में कुछ समुदाय के लोग यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं। ज्यादातर लोग ऐसा मान रहे हैं कि यह कानून लोगों पर जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं और यह हिन्दू कानून हैं जो सब पर जबरदस्ती लगाये जा रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि लोगों को उनकी सुरक्षा और समान अधिकार देने के लिए यह कानून लागू किये जाने हैं।ख़ास कर के समान नागरिक संहिता के विरोध में मुस्लिम धर्म गुरु हैं जिनका मानना है कि इससे उनकी धार्मिक आस्था पर प्रभाव पड़ेगा।
FAQ’s
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड क्या है?
सभी के लिए समान नियम एवं अधिकार की व्यवस्था
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड पहली बाद कब आया?
साल 1882
यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड से किसको लाभ होगा?
सभी जाति धर्मों के लोगों और महिलाओं को
यूनिफ़ॉर्म सिविल कॉड को हिंदी में क्या कहते हैं?
समान नागरिक संहिता