ब्रह्म कमल के फूल को भगवान शिव पर चढ़ाने से आपका भाग्य चमक सकता है।
ब्रह्म कमल का फूल पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। जैसे- उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर।
ब्रह्म कमल में अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इससे कई गम्भीर बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।
ब्रह्म कमल को उत्तराखण्ड में कौल पद्म के नाम से, कश्मीर में गलगल और हिमांचल प्रदेश में दूधफूल के नाम से जाना जाता है।
ब्रह्म कमल को ‘हिमालयी फूलों का राजा’ के नाम से जाना जाता है। ब्रह्म कमल उत्तराखण्ड का राजकीय पुष्प है।
ब्रह्म कमल नंदा देवी को प्रिय है, इसलिए नंदा अष्टमी को ब्रह्म कमल तोड़ना शुभ होता है।
उत्तराखण्ड के केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव पर मुख्य रूप से चढ़ाया जाता है ब्रह्म कमल का फूल।
ब्रह्म कमल के फूल को भगवान शिव, माँ लक्ष्मी और नंदा देवी पर चढ़ाने से सभी मनोकामनाएँ होती हैं पूर्ण।
ब्रह्म कमल का पौधा जड़ से लेकर फूल तक पूरा औषधि के रूप में काम आता है, इससे बुखार, कैंसर, खांसी, हड्डियों के दर्द का इलाज किया जा सकता है।
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