स्लेंडर लॉरिस एक जानवर है जिसकी आँखें बाहर की तरफ निकली हुई और बड़ी-बड़ी होती हैं. स्लेंडर लॉरिस को बंदरों का पूर्वज माना जाता है.
स्लेंडर लॉरिस पूरी दुनिया में सिर्फ भारत और श्रीलंका के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. एशिया के अन्य देशों में स्लेंडर लॉरिस के जैसे दिखने वाले अन्य जानवर मौजूद हैं.
भारतीय और श्रीलंकाई स्लेंडर लॉरिस की मूल रूप से दो प्रजातियाँ रेड स्लेंडर लॉरिस (Red Slendar Loris) और दूसरी ग्रे स्लेंडर लॉरिस (Grey Slender Loris) पाई जाती हैं.
स्लेंडर लॉरिस रात के समय घुमने वाला जानवर माना जाता है. यह पण ज्यादा समय पेड़ों के ऊपर ही बिताता है और इसकी चलने की गति बहुत धीमी होती है.
स्लेंडर लॉरिस की प्रजाति खत्म होने वाली है क्योंकि बड़े स्तर पर इसका शिकार होता है देश से ऐसे जंगले ख़तम हो चुके हैं जिनमे स्लेंडर लॉरिस रहते हैं.
तमिलनाडू की सरकार ने स्लेंडर लॉरिस को बचाने के लिए करूर और डिंडीगुल जिले में 11,806 हेक्टेयर जंगल को सैंक्चुरी बनाया है.
स्लेंडर लॉरिस को तेलुगू में देवांगा पिल्ली और आरावी पापा कहते हैं. केरल की भाषा में कुट्टी थेवांगु कहा जाता है तो वहीँ श्रीलंका की भाषा में इसे उनआहापुलुवाला कहते हैं.
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